कुमावत समाज का गौरवमयी अतीत, आज भी देश-प्रदेश की विरासतों में ऐतिहासिक इमारतों की शक्ल में ऩजर आता है। भवन निर्माण कला में इस समाज ने ऐसे हुनरमंद दिए हैं, जिनका काम ना सिर्फ अतीत में, बल्कि आज और आने वाली कई पीढ़ियों तक समाज के मेहनतकश और सृजनशील लोगों के कहानी कहता रहेगा। गुलाबी नगरी के विश्वप्रसिद्ध हवामहल से लेकर राजस्थान के हर महल और किले की कारीगरी में कुमावत समाज के हमारे पूर्वजों ने जो काम किया, वो आज भी राजस्थान की बेमिसाल स्थापत्य कला के रूप में जाना जाता है। कुमावत समाज,अपनी ईमानदारी,कर्मठता,आत्म निर्भर और आत्म सम्मान के मामले में बाकी सभी जातियों और बिरादरियों से अलग पहचान रखता है। इस सृजनशील समाज को एकता, एकजुटता और सहभागिता के धागे में पिरोने के लिए हमनें एक बीडा उठाया है। जयपुर में देश भर के संपूर्ण कुमावत समाज के लिए एक शानदार भवन बन रहा है।
इस भवन को लेकर तथ्य इस प्रकार हैं –
– 15.04.2008 को कुमावत क्षत्रिय समाज विकास समिति मालवीय नगर जयपुर के प्रयासों से 936 वर्गगज (783 वर्गमीटर) का भूखंड, जेडीए,जयपुर के द्वारा आवंटित किया गया
– ये भूखंड मालवीय नगर संस्थानिक क्षेत्र जयपुर में स्थित है।
– भूखंड पर जनोपयोगी भवन एवं छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
– 10.12.2009 को जेडीए,जयपुर द्धारा कुमावत क्षत्रिय समाज भवन का मानचित्र अनुमोदित किया गया।
– इस भूखंड पर 60 लाख रूपए से अधिक लागत से अब तक बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर का ढांचा तैयार हो चुका है।
– इस भवन की अनुमानित लागत 2.50 करोड़ रुपए हैं।
– भवन निर्माण कार्य को मूर्त रूप देने के लिए कुमावत क्षत्रिय समाज भवन संचालन समिति का गठन कर दिया गया है।
कार्य के लिेए भवन संचालन समिति का गठन कर दिया गया है।
– त्रिवार्षिक चुनाव प्रणाली के तहत पहला चुनाव हुआ एवं 21 जून,2015 को पहली कार्यकारिणी का गठऩ हुआ।